कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर जोरदार ट्रैंड चल रहा है। इस वायरस से निपटने के लिए कोई मेडिकल सामग्री की व्यवस्था करने में जुटा है तो फंड इक्कठा कर रहा है। इसके लिए बाकायदा आपको कई तरह के लिंक प्राप्त होंगे। जिसके जरिए आपसे रुपए या मेडिकल किट सहित अन्य जरूरी सामग्री देने व लेने के बारे में संपर्क किया जाएगा। लेकिन जरा सावधान होकर ही मदद करें। क्योंकि इस तरह के कई लिंक साइबर ठगों द्वारा आपके पास भेजे जा रहे है। जो फिशिंग का शिकार बनाकर गोपनीय तरीके से आपसे जानकारी प्राप्त कर ठग लेंगे। इस संबंध मेंं साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट एसओजी एवं एटीएस ने आमजन के लिए एडवाइजरी जारी की है। इंस्पेक्टर प्रेमेन्द्र कुल्हार ने बताया कि साइबर ठगों द्वारा कोविड-19 और कोरोना जैसे मिलते-जुलते नामों की वेबसाइट के डोमेन रजिस्ट्रेशन करवाए जा रहे है। अब तक इस तरह के हजारों डोमेन रजिस्टर्ड हो चुके है। कोरोना के बारे में अधिक से अधिक जानकारी पाने की ललक में ठग आमजन को अपना शिकार बना रहे है।
कोरोना महामारी में उपयोग में ली जा रही मेडिकल सामग्री
मास्क, सैनेटाइजर सहित अन्य सामग्री को ऑनलाइन बेचने और वायरस से बचाव के लिए मोबाइल व कम्प्यूटर पर मॉलवेयर के लिंक, एप व मैसेज भेज रहे है। जिनकों ओपन करते ही आपकी गोपनीय जानकारी उन तक पहुंच जाती है। साइबर ठग spy max,coronalive1.1 जैसे एप भेज रहे हैै। इस एप के जरिए कोरोना पीड़ितों के नाम पर चैरिटी में फंड देने व पैसा जमा करवाने के मैसेज भेज रहे है। ऐसे मैसेज पर ध्यान ना देवें। विसिंग, फिशिंग का वाेईस वर्जन है। वी – आवाज के लिए संदर्भित है, हैकर कोविड-19 के संदर्भ में, फोन का उपयोग कर धोखे से जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते है।
यह रखें सावधानी
जब तक वेबसाइट के बारे मेंं सही जानकारी नहीं हो उसे ओपन ना करे। सोशल मीडिया के जरिए प्राप्त लिंक, एप व मैसेज को ओपन नहीं करे और दो फैक्टर प्रमाणित होने पर ही सोशल एकाउंट को एस्सेस दे। अजनबी कॉल पर किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा ना करें। वेबसाइट पर लुभावने लिंक, एप व विज्ञापन नहीं खोले। अधिकृत संस्थाओं के खातों में ही अपना जनसहयोग प्रदान करें। इसके अलावा कोई संदिग्ध लिंक या फिर मेल आए तो साइबर थानें में इसकी जानकारी दें।